Friday, April 26, 2024
HomeComputer CourseBASIC COMPUTER COURSELesson – 4 इनपुट और आउटपुट डिवाइस (Input & Output Devices)

Lesson – 4 इनपुट और आउटपुट डिवाइस (Input & Output Devices)

परिचय (Introduction) कम्प्यूटर और मनुष्य के मध्य सम्पर्क स्थापित करने के लिए इनपुट और आउटपुट डिवाइस या युक्तियों का प्रयोग अनिवार्य रूप से किया जाता है।

इनपुट युक्तियाँ (Input Devices)

मनुष्य द्वारा दिये गये डाटा तथा निर्देशों को कम्प्यूटर में Enter कराने के लिए जिन युक्तियों का उपयोग किया जाता है। वह सभी युक्तियाँ इनपुट या आगत युक्तियाँ कहलाती है।

कुछ महत्तवपूर्ण इनपुट युक्तियाँ( Some Important Input Devices )

  1. की-बोर्ड (Keyboard)यह देखने में लगभग टाइप राइटर की तरह है। इसका प्रयोग करके कम्प्यूटर के अन्दर अक्षर, नम्बर या कोई सिम्बल को Enter कराते है। इस पर कई प्रकार की कीज़ उपलब्ध होती है। जिन्हें उनके काम के अकोर्डिग अलग-अलग केटेगरी में बाटाँ गया है। जो निम्न प्रकार है। –
    1. फंक्शन कीज़ (Function Keys) की-बोर्ड में इनकी संख्या 12 होती है। जो कि F1 से लेकर F12 तक है। इन कीज़ में पहले से ही निर्देश भरे होते है। जिनका प्रयोग अलग-अलग साॅफ्टवेयर में अलग-अलग है। जैसे- पावॅर पाइट में F5 का प्रयोग Slide Slow के लिए किया जाता है। जबकि डेस्कटाॅप में इसका प्रयोग रिफ्रेश के लिये किया जाता है। ऐसे ही F2 का प्रयोग फाइल या फोल्डर को रिनेम करने के लिए किया जाता है। जबकि Turbo C++ में इसका प्रयोग फाइल को save करने के लिए किया जाता है। इस प्रकार अलग-अलग साॅफ्टवेयर में यह अलग-अलग काम करती है।
    2. अल्फा न्यूमेरिक कीज़ (Alfa Numeric Keys) ये कीज़ फंक्शन कीज़ के ठीक नीचे होती है। इसका प्रयोग कम्प्यूटर के अन्दर कोई अक्षर या नम्बर enter कराने के लिए किया जाता है। एक साधारण फाइल बनाते समय सबसे ज्यादा इन्हीं कीज़ का प्रयोग किया जाता है।
    3. न्यूमे िरक कीज़ (Numeric Keys) – ये की-बोर्ड पर दाहिनी ओर नीचे होती है। इनका प्रयोग नम्बर से सम्बन्धित कार्य करने के लिए किया जाता है। जब हम कैलकुलेशन से सम्बन्धित सारा काम करते है तो सबसे ज्यादा न्यूमेरिक कीज़ का प्रयोग किया जाता है। ये कीज़ तभी काम करती है जब नम लाॅक की़ ऑन होती है। अर्थात् इन कीज़ का प्रयोग करने के लिए हमें नम लाॅक को ऑन करना पड़ता है।
    4. ऐरो कीज़ (Arrow Keys)- ये कीज़ न्यूमेरिक कीज़ के बिलकुल पास होती है। इनकी संख्या की-बोर्ड में 4 होती है। इनका प्रयोग पेज पर उपर से नीचे और नीचे से ऊपर जाने के लिए होता है। MS-Excel में इनका उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता है। जब हमें एक सेल से दूसरे सेल पर जाना होता है। तो इनकी सहायता से हम आसानी से जा सकते है। इन कीज़ को नाम देकर बोला जाता है-अप ऐरो की़, डाउन ऐरो की़, लेफट ऐरो की़, राइट ऐरो की़ ।
    5. स्पेशल कीज़ (Special Keys)- इन कीज़ का प्रयोग किसी विशेष कार्य को करने के लिए किया जाता है। हर एक की़ का अपना अलग-अलग कार्य है।जैसे –
    6. Control Key (CTRL) इस की़ के साथ एक और कोई अन्य की़ का प्रयोग करके कम्प्यूटर को कोई विशेष कमाण्ड या निर्देश देने के लिए किया जाता है। जैसे- Ctrl+A का प्रयोग सारे कन्टेन्ट को स्लेक्ट करने के लिए किया जाता है। की-बोर्ड में इनकी संख्या दो होती है।
    7. Altऑल्ट की़ का प्रयोग भी कोई विशेष काम करने के लिए किया जाता है। इस की़ के साथ दूसरी की़ को दबाना होता है। या कभी-कभी ये अकेले भी काम कर देती है। जैसे- Ms-Word में Alt को दबाने से shortcut दिखाई देने लग जाते है।
    8. Caps Lockजब आप सारे अक्षरों को Capital अक्षरों में टाइप करना चाहते है। तो इस की़ का प्रयोग किया जाता है। इसको दबा दीजिए और फिर टाइप करना शुरू कीजिए सारे अक्षर बड़े रूप में आयेगे और फिर से आप Caps Lock को दबा देगें तो छोटे अक्षरों में टाइप होना शुरू हो जायेगा।
    9. Shift Key यदि आप सारे अक्षर छोटे में टाइप कर रहे है। और आपको कोई अक्षर बीच में या शुरू में बड़ा बनाने की जरूरत होती है। तो आप Shift Key को दबाने के साथ उस अक्षर को दबाए जिसे आप बड़े अक्षरों में टाइप करना चाहते है। मतलब Shift  के साथ H दबाया है। तो H capital में आ जायेगा।
    10. Enter Key इस की़ को एन्टर रिटर्न की़ भी कहा जाता है। इस की़ के मुख्य दो काम होते है-1- यह कम्प्यूटर को बताती है कि निर्देश डाल दिया गया है। प्रोसेस करना शुरू करें। 2- जब आप Word Pad या Ms-Word में Typing कर रहे होते है। तो नयी लाइन या पैराग्राफ के लिए Enter की़ का प्रयोग किया जाता है।
    11. Tab Key – यह की़ पहले स्थान से मतलब जहां कर्सर अब है वहां से आगे ले जाने का श्रनउच कराने का काम करती है। Ms-Word में यह 5 Point आगे ले जाती है और अगर टेबल के अन्दर है। तो यह आगे की सेल या बाॅक्स में ले जाने का काम करती है।
    12. Back Space Key इस की़ का प्रयोग करके हम कर्सर के बाई ओर लिखे अक्षरों को मिटा सकते है।
    13. Home Key इसका प्रयोग कर्सर को लाइन के शुरू में लाने के लिए किया जाता है। यह की-बोर्ड में दायी ओर दी जाती है।
    14. End Key यह की़ कर्सर को लाइन के अन्त में ले जाती है। यह भी की-बोर्ड में दायी ओर दी होती है।
    15. Print Screen यह बहुत ही महत्वपूर्ण की़ है। इसका प्रयोग करने के लिए जो भी कुछ स्क्रीन पर है। उसका फोटो निकालने के लिए किया जा सकता है। Print को Press करें और फिर Ms-Point को Open करे और वहा Paste बटन पर Click करे। आपकी स्क्रीन का फोटो पेन्ट (paint) में आ जायेगा और अब आप उसे save कर सकते है।
    16. Page Upइसका प्रयोग पीछे के पेज पर जाने के लिये करते है।
    17. Page Down इसका प्रयोग आगे के पेज पर जानेे के लिये करते है।
  2. माउस (Mouse) – माउस हाथ से पकड़कर चलाई जाने वाली एक प्वाइटिंग युक्ति (Pointing Device) है।अर्थात् इसके द्वारा भी हम कम्प्यूटर को निर्देश देने का कार्य करते है।

माउस का आविष्कार वर्ष 1977 में ‘‘डगलस-सी इंजेल्वरर्ट’’ ने किया था यह देखने में चुहे की तरहा दिखता है। इसलिए इसे माउस कहा जाता है। माउस मुख्यतः 3 प्रकार के होते है-

  1. तार रहित माउस (Cordless Mouse)
  2. मैकेनिकल माउस (Mechanical Mouse)
  3. आॅप्टिकल माउस (Optical Mouse)

3. टेकबाॅल (Track Ball) इसकी सरंचना माउस की भाति होती है। परन्तु इसमें बाॅल नीचे ना होकर ऊपर होती है। जिसे घुमाकर प्वाॅइन्टर या कर्सर की दिशा में परिवर्तन किया जाता है। इसका उपयोग मुख्यतः-

1- कैड (Computer Aided Design)

2- कैम (Computer Aided Manufacturing) में किया जाता है।

4. माइक्रोफोन/माइक (Microphone / Micke) – माइक्रोफोन तथा माइक के द्वारा किसी भी आवाज को रिकार्ड किया जा सकता है। इन्हें ‘‘वायॅस रिकोग्नाइजर’’ (Voice Recognizer) भी कहा जाता है। इसके माध्यम से सूचना और निर्देशों को सीधे बोलकर ही इनपुट करा सकते है।

5. वेब कैम (Web Cam)यह एक ऐसी इनपुट डिवाइस है। जिसके द्वारा हम दूर स्थित व्यक्ति से विडियो काॅलिंग कर सकते है। यह सामान्यतः डिजिटल कैमरे की तरह ही होता है। डेस्कटाॅप कम्प्यूटर में इसको अलग से लगाया जाता है। जबकि लैपटाॅप कम्प्यूटर में ये इन-बिल्ट होता है। इसका प्रयोग इंटरनेट की सहायता से दूर स्थित किसी व्यक्ति का फोटो देखने या खींचने के लिए किया जाता है। परन्तु इसमें जो दो व्यक्ति बात कर रहे है। उन दोनो के पास ही वेबकैम का होना जरूरी है। एक के पास है और दूसरे के पास नही है। तो विडियो काॅलिंग सम्भव नहीं है।

6. लाइट पेन (Light Pen) – इसका प्रयोग कम्प्यूटर स्क्रीन पर चित्र बनाने के लिए तथा डाटा को लिखने के लिए किया जाता है। यह देखने में बिलकुल पेन जैसा होता है। इसलिए इसका नाम लाइट पेन है।

7. टच स्क्रीन (Touch Screen) – आज के समय में टच स्क्रीन का प्रयोग व्यापक रूप से किया जा रहा है। टच स्क्रीन का मतलब है आप स्क्रीन टच करने के द्वारा कम्प्यूटर को निर्देश दे सकते है। अर्थात् आपको स्क्रीन पर कुछ ऑप्शन दिखाई देते है। जिनको टच करने के द्वारा आप कम्प्यूटर से अपना काम करा सकते है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण है- ATM (Automatic Taller Machine) जिससे आप पैसे निकालने का काम करते है।

8. स्कैनर (Scanner) – यह देखने में फोटो काॅपी मशीन की तरह होता है। जिसका प्रयोग हम कम्प्यूटर में किसी पेपर पर बनी आकृति या सूचना, टैैक्स्ट को अन्दर सीधा डाला जाता है।

जो आपकी सूचना पेपर पर होती है। उसे हम हार्ड काॅपी कहते है। और जब वही सूचना स्कैनर के द्वारा कम्प्यूटर के अन्दर डाल दी जाती है तो वह साॅफ्ट काॅपी कहलाती है। अर्थात् स्कैनर हार्ड काॅपी को साॅफ्ट काॅपी में बदलने का कार्य करता है। स्कैनर के मुख्य उदाहरण निम्नलिखित है-

  1. OMR (Optical Mark Reader) यह एक ऐसा इनपुट साधन है। जिसके द्वारा किसी कागज पर बनाए गये चिन्हों को पहचाना जाता है। उदाहरण के लिए, किसी वस्तुनिष्ठ प्रकार की प्रतियोगात्मक परीक्षा में उत्तरों को मोटे कागज के एक उत्तर-पत्र पर काले वृत्त या दीर्घवृत्त बनाकर चिन्हित किया जाता है। ऑप्टिकल मार्क रीडर ऐसे पत्रों को पढ़कर यह पहचान लेता है कि किस प्रश्न का क्या उत्तर दिया गया है। ऑप्टिकल मार्क रीडर की सहायता से हजारों उत्तर-पत्रों की जांच मिनटों में ही सही-सही की जा सकती है। और परीक्षा का परिणाम तत्काल घोषित किया जा सकता है।
  2. OCR (Optical Character Recognition) – यह OMR का थोड़ा Advance रूप है। यह केवल साधारण चिन्हों को ही नही बल्कि छापें गये या हाथ से साफ-साफ लिखे गये अक्षरों को भी पढ़ लेता है।
  3. BCR (Bar Code Reader)बार कोड रीडर ऐसी सूचनाओं को पढ़ लेता है। और कम्प्यूटर को भेज देता है। इनका प्रयोग प्रायः दुकानों तथा माॅल व अन्य में वस्तुओं की कीमत व अन्य पढ़ने में किया जाता है।
  4. MICR (Magnetic Ink Character Recognition)यह ऑप्टिकल कैरेक्टर डिकोग्शिन का ही Advance रूप है। जिसमें किसी चुम्बकीय स्याही से छापी गई सूचनाओं को पढ़ा जा सकता है। इसमें गलती होने की सम्भावना लगभग शून्य होती है। इसलिए इसका प्रयोग प्रायः बैकों द्वारा चैक ड्राफ्ट आदि की प्रोसेसिंग या क्लीयरिंग में किया जाता है।

आउटपुट युक्तियाँ (Output Devices)

वह युक्तियाँ जो रिजल्ट/आउटपुट दिखाने का या देने का का काम करती है।

कुछ महत्वपूर्ण आउटपुट युक्तियाँ ( Some Important Output Devices )

  1. माॅनीटर/एल सी डी (Monitor / LCD) माॅनीटर या एल सी डी की सरंचना टी वी के समान होती है जिसका प्रयोग प्रयोगकर्ता द्वारा दिये गये डाटा तथा निर्देशों का परिणाम देखने के लिए किया जाता है।
  2. प्रिंटर (Printer) – परिणामों अथवा चित्रों को एक पेपर के ऊपर लेने के लिए प्रिंटर का उपयोग किया जाता है। यह कम्प्यूटर अन्दर जो साॅफ्ट काॅपी है जैसे- कोई फाइल को हार्ड काॅपी जो की पेपर पर होती है प्रिंटर में कन्वर्ट करने का कार्य करती है। प्रिंटर दो प्रकार के होते है-
    1. इम्पेक्ट (Impact)
    2. नाॅन-इम्पेक्ट (Non-Impact)
  1. Impact – इम्पेक्ट प्रिंटर के अन्तर्गत दो प्रिंटर आते है-
  • डाॅट मैटिक्स – इस कम्प्यूटर का प्रयोग बहुत कम हो गया है। लेकिन अब भी कही-कही ये देखने को मिलतें है। जैसे- बैंक या पुरानी दुकानों में या रेलवे स्टेशनों में ये अपना रिजल्ट डाॅट (.) के रूप में देता है।
  • डेजी व्हील – यह एक प्रिंटर का टाइप है। जो Letter Quality Type Result देता है। यह भी Ball-Head Writer के सिद्धान्त पर काम करता है।

(The Daisy Wheel is a disk made of plastic or metal on which characters stand out in relief along the outer edge)

  1. Non-Impact इस प्रिंटर के अन्तर्गत तीन प्रिंटर आते है –
  • थर्मल – माॅल, रेस्टोरेन्ट आदि में बिलिंग के लिये इसका प्रयोग किया जाता है। इसमें इंक की आवश्यकता नहीं होती है।
  •  इंकजेट/डेस्कटॅाप – यह सस्ता होता है। प्रयोग ज्यादातर घरों में किया जाता हैै। इसमें गीले रंगो का प्रयोग किया जाता है।
  • लेजर प्रिंटर – यह प्रिंटर प्रोफेशनल रूप में सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है।

3. फोटो प्रिंटर्स (Photo Printer’s)- कलर लैब में फोटो प्रिंट करने के लिए इसका प्रयोग होता है।

4. प्लॅाटर (Ploter) – प्लाॅटर का प्रयोग बड़े ग्राफों या डिजाइनों को प्रिंट कराने के लिए किया जाता है। यह भी प्रिंटर की तरह काम करता है लेकिन ये बड़े लेवल में प्रयोग किया जाता है। जैसे- नक्शे, वैनर छापनें में, आदि में इसका ही उपयोग किया जाता है। प्लाॅटर मुख्यतः दो प्रकार के होते है-

1- डम पेन प्लाॅटर

2- फ्लैट प्लाॅटर

5. प्रोजेक्टर (Projector)- यह भी एक आउटपुट डिवाइस है। जो अपना रिजल्ट किसी पर्दें पर या दीवार पर प्रदर्शित करता है। इसका उपयोग मुख्यतः बैठकों या प्रदर्शनों में किया जाता है। इसके द्वारा छोटे-छोटे चित्रों को बड़ा करके सरलतापूर्वक देखा जा सकता है।

6. स्पीकर (Speaker) – स्पीकर आउटपुट डिवाइस में आते है। क्योकिं ये भी आउटपुट देने का काम करता है |

  1. Key board में फंक्शन कीज़ की संख्या कितनी होती है
    • 12
    • 15
    • 7
    • 9
  2. नुमेरिक keys तभी कार्य करती है जब नुम लॉक ऑन होता है –
    • सत्य
    • असत्य
  3. की बोर्ड में arroy keys की संख्या कितनी होती है-
    • 3
    • 5
    • 4
    • 6
  4. Caps-Lock का प्रयोग किस लिए किया जाता है –
    • साइज़ बढ़ाने के लिए
    • साइज़ घटाने के लिए
    • छोटे अक्षर लेने के लिए
    • बड़े अक्षर लेने के लिए
  5. माउस कितने प्रकार के होते है –
    • 2
    • 3
    • 4
    • 5
  6. माउस का अविष्कार कब हुआ –
    • 1987
    • 1977
    • 1975
    • 1985
  7. माउस का अविष्कार किसने किया –
    • डगलस सी इन्जेल्वर्ट
    • ब्लेज़ पास्कल
    • नापिएर बोनस
    • इनमे से कोई नही
  8. Trackball काम में नही किया जाता है –
    • सत्य
    • असत्य
  9. स्कैनर हार्ड कॉपी को सॉफ्ट कॉपी में बदलने का कार्य करता है –
    • सत्य
    • असत्य
  10. स्कैनर कितने प्रकार के होते है –
    • 2
    • 4
    • 5
    • 6
  11. प्रिंटर कितने प्रकार के होते है –
    • 2
    • 4
    • 5
    • 6
  12. प्लॉटर कितने प्रकार के होते है –
    • 4
    • 5
    • 6
    • 2
  13. कंप्यूटर में कितनी कण्ट्रोल कीज़ होती है –
    • 2
    • 4
    • 6
    • 8
  14. कैलकुलेटर के लिए कौन सी कीज़ का प्रयोग किया जाता है –
    • फंक्शन keys का
    • एरो कीज़ का
    • नुमेरिक कीज़ का
    • स्पेशल कीज़ का
  15. Keyboard का अविष्कार कब किया गया था-
    • 1700 दसक
    • 1800 दसक
    • 1600 दसक
    • 1900 दसक
  16. मनुष्य के निर्देशों को कंप्यूटर में इंटर करने वाली युक्तियो को इनपुट युक्तिया खा जाता है –
    • सत्य
    • असत्य
  17. की बोर्ड में कितनी बटन होते है –
    • 107
    • 106
    • 104
    • 103
  18. Backspace दाई और को डिलीट करता है –
    • सत्य
    • असत्य
  19. Shift keys के साथ कोई बटन दबाने से वह बड़ा हो जाता है
    • सही
    • गलत
  20. Tab key के दवाना हम winword में कितने पॉइंट आगे जाते है –
    • 5
    • 6
    • 7
    • 8
hsguruji
hsgurujihttp://hsguruji.com
I am a life coach,motivational trainer and a computer master.
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